Galib ki Shayari

बिजली इक कौंध गयी आँखों के आगे तो क्या,बात करते कि मैं लब तश्न-ए-तक़रीर भी था। इश्क़ ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया।वर्ना हम भी आदमी थे काम के।। उन के देखे से जो आ जाती है…

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Ghalib Shayari in hindi | Mirza Ghalib Shayari

ग़ालिब के कुछ मशहूर शेर और शायरी, Ghalib Shayari in hindi | मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी प्रश्तुत हैं । शेर बस दो पंक्तियों की कविता है। कृपया ध्यान दें, हर शेर अपने आप में एक कविता है!…

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