अकबर इलाहाबादी के शेर | Akbar allahabadi shayari

हया से सर झुका लेना अदा से मुस्कुरा देनाहसीनों को भी कितना सहल है बिजली गिरा देना हंगामा है क्यूँ बरपा थोड़ी सी जो पी ली हैडाका तो नहीं मारा चोरी तो नहीं की है बी.ए…

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